आधुनिक कवित्री अंकिता सिंह की एक प्रोफाइल बनाएं और उनकी एक प्रसिद्ध कविताएं लिखिए और याद भी कीजिए
Question
आधुनिक कवित्री अंकिता सिंह की एक प्रोफाइल बनाएं और उनकी एक प्रसिद्ध कविताएं लिखिए और याद भी कीजिए
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Answers ( )
Answer:
Kavya Logo
आज का काव्य
हलचल
आज का शब्द
वायरल
मेरे अल्फाज़
किताब समीक्षा
वीडियो
रचना भेजिए
Home › Kavya › Kavya Charcha › Nature in hindi kavita
विज्ञापन
हिंदी कविता में प्रकृति के विभिन्न रूप
Deepali Agrawal दीपाली अग्रवाल
Nature in hindi kavita
Kavya Charcha
कवि प्रकृति के बेहद करीब होते हैं, वहां के स्वाभाविक वातावरण में उनके मन से भी कई उद्गार निकलते हैं। छायावादी युग के कवियों ने तो अधिकर प्रकृति के सौंदर्य का अवलोकन करते हुए उसी पर कितनी कविताएं कह दीं। महसूस करें इन कविताओं में सृष्टि के विभिन्न रूप व छवि
संध्या / सुमित्रानंदन पंत
कहो, तुम रूपसि कौन?
व्योम से उतर रही चुपचाप
छिपी निज छाया-छबि में आप,
सुनहला फैला केश-कलाप,
मधुर, मंथर, मृदु, मौन!
मूँद अधरों में मधुपालाप,
पलक में निमिष, पदों में चाप,
भाव-संकुल, बंकिम, भ्रू-चाप,
मौन, केवल तुम मौन!
ग्रीव तिर्यक, चम्पक-द्युति गात,
नयन मुकुलित, नत मुख-जलजात,
देह छबि-छाया में दिन-रात,
कहाँ रहती तुम कौन?
अनिल पुलकित स्वर्णांचल लोल,
मधुर नूपुर-ध्वनि खग-कुल-रोल,
सीप-से जलदों के पर खोल,
उड़ रही नभ में मौन!
लाज से अरुण-अरुण सुकपोल,
मदिर अधरों की सुरा अमोल,–
बने पावस-घन स्वर्ण-हिंदोल,
कहो, एकाकिनि, कौन?
मधुर, मंथर तुम मौन?
ᗩᑭ ᕼOᑎᗩ ᗰᗴᖇI ᖇᗴᗩᒪ ՏIՏ OKK